Chickenpox in Hindi: चिकनपॉक्स बेहद संक्रामक बीमारी है। यह वैरिकोला जोस्टर नामक वायरस (varicella-zoster virus) के संक्रमण के कारण होती है। अब यह जानलेवा बीमारी नहीं रह गई है, लेकिन उनके लिए खतरनाक साबित हो सकती है, जिन्होंने इसके लिए टीकाकरण नहीं करवाया है।
साथ ही यह बीमारी बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा परेशान करती है, लेकिन सावधानी नहीं बरतने पर वयस्क भी इससे संक्रमित हो सकते हैं। आइए जानते हैं चिकनपॉक्स के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय के बारे में।
चिकनपॉक्स से बचाव के उपाय, ऐसे पहचानें लक्षण- Chickenpox: Causes, Symptoms, Treatment and Prevention
चिकनपॉक्स के कारण Chickenpox: Causes
चिकनपॉक्स वैरिकोला जोस्टर नामक वायरस (varicella-zoster virus) के संक्रमण से फैलता है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने से हवा में वायरस वाले ड्रॉपलेट्स होते हैं और दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति के फफोलों से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है।
चिकनपॉक्स के लक्षण Chickenpox Symptoms in Hindi
वायरस के संपर्क में आने के 10 से 20 दिन के बाद चिकनपॉक्स के लक्षण सामने आने लगते हैं। जैसे:-
- बुखार
- सिरदर्द
- भूख नहीं लगना और थकान जैसी परेशानी हो सकती है।
- इसके दो दिन बाद शरीर पर दाने दिखाई देने लगते हैं। ये चेहरे से शुरू हो कर गर्दन, पीठ और हाथ पैर पर फैलते हैं।
- गंभीर स्थिति में मुंह के अंदर और पलकों पर भी दाने हो सकते हैं।
- ये दाने पहले लाल होते है, बाद में इनमें तरल भर जाता है।
- लक्षण गंभीर होने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
चिकनपॉक्स का उपचार Chickenpox: Treatment
चिकनपॉक्स के हलके लक्षण बगैर किसी उपचार के चार पांच दिन में ठीक हो जाते हैं, लेकिन लक्षणों के गंभीर होने पर डॉक्टर की मदद जरूरी होती है। हालांकि चिकनपॉक्स का कोई सटीक उपचार नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं। साथ ही कैलामाइन लोशन से खुजली से राहत मिल सकती है।
चिकनपॉक्स से बचाव Chickenpox Prevention
चिकन पॉक्स से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय है। आमतौर पर चिकनपॉक्स के टीके की पहली खुराक बच्चे को जन्म के 12 से 15 माह के बीच और दूसरी 4 से 6 वर्ष की उम्र में दी जानी चाहिए। साथ ही अगर 13 वर्ष की उम्र तक यह टीकाकरण नहीं हुआ हो तो दोनों खुराक 4 से 8 सप्ताह के अंतर पर लेनी चाहिए। प्रेगनेंट होने के 28 दिन पहले टीकाकरण कराया जा सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के 72 घंटे के अंदर टीका लगवा कर भी संक्रमण से बचा जा सकता है।
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