Home Remedies for Thyroid Hypothyroidism- थायराइड के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज

Spread the love

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी स्वस्थ रहना चाहते हैं। लेकिन ख़राब जीवनशैली, ख़राब खानपान, पसीना न बहाना जैसे विभिन्न कारणों से हम ज्यादा बीमार पड़ने लगते है। साथ ही कोई न कोई बीमारी हमारी जिंदगी को प्रभावित करते रहती है और हम सब परेशान भी होते रहते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसी बीमारी है, जो हमारी बॉडी की ग्रंथियों से जुड़े होते हैं। इन्हीं में से एक है थायरॉइड रोग, जो कि हमारी थायरॉइड ग्रंथि से नजदीक में जुड़ा होता है।

 

Thyroid Hypothyroidism Home Remedies

साथ ही इसी से जुड़ी बीमारी को थायरॉइड रोग कहते है। साथ ही कई पाठकों का सवाल रहता है कि थायराइड होने का मुख्य कारण क्या है? थायराइड रोग किसकी कमी से होता है? थायराइड का शुरुआती लक्षण क्या है? थायराइड किस चीज से बढ़ता है? थायराइड क्या होता है कैसे होता है? थायराइड को जड़ से खत्म करने के लिए क्या खाएं? थायराइड होने का क्या कारण है? जैसे कई सवालों के जबाव देने इस लेख में आए है। तो आइए जल्दी से जान लेते है, Thyroid रोग, थायरॉइड होने के कारण, इसके उपचार, लक्षण और बचाय के उपायों के बारे में

थायरॉइड क्या है? (What is Thyroid in Hindi?)

थायरॉइड कंठ में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक तरह की ग्रंथि है। ये सांस लेने वाली नली के ऊपर होती है। यह आदमी के शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी ग्रंथियों में से एक होती है। साथ ही इसी थायरॉइड ग्रंथि में समस्या आने से ही Thyroid से जुड़ी बीमारी होती हैं। साथ ही Thyroid ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का एक हार्मोन बनाती है।

ये हार्मोन हमारी बॉडी के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को कंट्रोल करने का काम करता है। साथ ही थायरॉइड हार्मोन ग्रंथि में हुई समस्या के कारण थायरॉइड से जुड़ी बीमारी जैसे कि Hyperthyroidism or Hypothyroidism होते है। Thyroid gland को अवटु ग्रंथि भी कहते है। साथ ही अवटु या Thyroid ग्रंथियां शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक है।

थायरॉइड हार्मोन क्या काम करता है? (Thyroid Works in Hindi)

थायरॉइड हार्मोन के कार्य इस प्रकार निम्नलिखित हैं:-

  • यह हमारी बॉडी में थायरोक्सिन (Thyroxine) हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित रखने का काम करता है।
  • यह ब्लड में शुगर, कोलेस्ट्रॉल (Cholestrol) और फोस्फोलिपिड की मात्रा को कम करने का काम करता है।
  • यह पेशियों, हड्डियों, लैंगिक और मानसिक वृद्धि को कंट्रोल करता है।
  • दिल की बीमारी और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है।
  • अधिकतर महिलाओं में दुग्धस्राव को तेजी से बढ़ाता है।

थायरॉइड रोग के प्रकार (Thyroid Types in Hindi)

थायरॉइड ग्रंथि के दो प्रकार के होते हैं:-

  • अल्पसक्रियता (Hypothyrodism)
  • थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)

थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)

जब भी Thyroid ग्रंथि की अतिसक्रियता होने लगती है, तो T3 और T4 हार्मोन की जरूरत से ज्यादा उत्पादन होने लगती है। साथ ही जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगती है, तो फलस्वरूप बॉडी भी एनर्जी का इस्तेमाल अधिक मात्रा में करने लगता है। साथ ही इसे ही हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) कहा जाता हैं। हालांकि पुरुषों की तुलना यह समस्या महिलाओं में अधिक देखी जाती है। और जानिए थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के लक्षण क्या है?

थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की अधिकता के कारण हमारी बॉडी में चयापचय यानी की मेटाबोलिज्म (Metabolis) बढ़ जाती है, और हर काम बहुत तेजी से होने लगता है।

  • बेचैनी या घबराहट
  • नींद ना आना
  • चिड़चिड़ापन या गुस्सा आना
  • हाथों का काँपते रहना
  • अधिक पसीना बहते रहना
  • दिल की धड़कन अचानक बढ़ जाना
  • बालों का झड़ना और जल्दी पतला हो जाना
  • पूरे शरीर में दर्द रहना और कमजोरी लगना
  • अधिक भूख लगना
  • वजन का घटना
  • महिलाओं में मासिक धर्म में समस्या होना
  • ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) हो जाना, जिसकी वजह से हड्डी में कैल्शियम (Calcium) कम हो जाना

थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता (Hypothyrodism)

थायराइड की अल्प सक्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) हो जाता है। इसकी पहचान इन समस्याओं से की जा सकती है, जिसके लक्षण निम्नलिखित है:-

  • धड़कन की गति धीमी होना।
  • हमेशा थकावट महसूस होना।
  • डिप्रेसन या अवसाद (Depression)
  • ठंड को लेकर सचेत रहना।
  • तेजी से वजन बढ़ना।
  • नाखूनों का टूटना या पतला होना।
  • पसीने में कमी होना।
  • स्किन में सूखापन आना और खुजली होना।
  • जोड़ों में तेज दर्ज और मांसपेशी अकड़ जाना।
  • बालों का तेजी अधिक झड़ना।
  • बराबर कब्ज होना
  • आँखों में सूजन हो जाना।
  • बार-बार भूलना की आदत।
  • हमेशा सोचने-समझने में असमर्थ हो जाना।
  • मासिक धर्म में अचानक अनियमितता हो जाना।
  • फेस और आंख में सूजन हो जाना।
  • ब्लड में कोलेस्ट्रॉल (Cholestrol) का स्तर बढ़ जाना।
  • महिलाओं में बांझपन आ जाना।

थायरॉइड रोग होने के कारण (Thyroid Causes in Hindi)

थायरॉइड की बीमारी होने के ये कारण हो सकते हैंः

  • अधिक टेंसन लेने से थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की सक्रियता पर असर पड़ने लगता है।
  • भोजन में नमक की मात्रा कम या ज्यादा होने से थायरॉइड की ग्रंथियां विशेष रूप से प्रभावित होने लगती हैं।
  • यह बीमारी माता-पिता से भी हो सकता है। यदि फैमली के दूसरे सदस्यों को भी यह परेशानी हो रही हो, तो फैमली के दूसरे मेंबर को भी हो सकता है।
  • ज्यादातर महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड हार्मोन्स में असंतुलन देखा गया है, क्योंकि इस समय महिलाओं की बॉडी में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं।
  • हमेशा आहार में सोया उत्पादों का अधिक उपयोग करें।

थायरॉइड रोग क्यों होता है? (Other Causes of Thyroid)

थायरॉइड रोग होने के निम्नलिखित कारण है।

  • गलत लाइफस्टाइल
  • खाने समय नमक ज्यादा या कम लेना
  • ज्यादा टेंसन लेना
  • माता-पिता से होने (वंशानुगत)
  • देर रात तक फालतू में जागना और गलत भोजन
  • टेंशन की दवाई खाना
  • ब्लड शुगर (डायबिटीज)
  • भोजन में सोया उत्पादों का ज्यादा उपयोग करना

इन सभी कारणों से थायराॅइड रोग हो सकते है।

  • हाशिमोटो की बीमारी
  • थायरॉइड ग्रंथि का फूल जाना
  • ग्रेव्स की बीमारी
  • गण्डमाला की बीमारी
  • विटामिन- B12 की कमी होना

थायराॅइड से बचाव के उपाय क्या है?

आप निम्नलिखित उपायों को अपनी जीवनशैली में अपनाकर थायराॅइड से बच सकते हैं:-

  • रोजाना घर में योग करें
  • जिम में वर्कआउट या शारीरिक श्रम करें
  • सेब खाना शुरू करें
  • रात में सोने समय हल्दी का दूध पिएं
  • सुबह में धूप में बैठे
  • नारियल तेल में खाना बनाकर खाएं
  • अच्छी नींद लें
  • अधिक से अधिक हरी सब्जियां और फल खाएं
  • हरी साग खाएं
  • रोजाना पोषक तत्व से भरपूर भोजन लें।

थायराॅइड में क्या नहीं खाना चाहिए?

  • सिगरेट और शराब का सेवन न करें।
  • चावल, चीनी और तेल वाला चीज न खाएं
  • मसालेदार भोजन ना खाएं
  • मैदे से बनी सामग्री ना खाएं
  • कॉफी और चाय का बिल्कुल हाथ ना लगाएं

थायरॉइड का इलाज क्या है?

थायरॉइड से जुड़ी बीमारी मुख्य रूप से गलत खान-पान और तनावपूर्ण जीवनशैली से होती है। ऐसे में सबसे पहले आप अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें और टेंशन लेने से बचें। साथ ही Thyroid के उपचार के लिए आपको नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। साथ ही चिकित्सक कुछ जांच रिपोर्ट के बाद इस रोग से लड़ने के लिए दवाइयां लिखेगा। जिससे आप कुछ ही दिनों में इससे छुटकारा पा सके। हालांकि चिकित्सक आपको हर साल Thyroid की जांच करवाने के लिए बोल भी सकता है।

 

यह जरूर पढ़िए:

Bottle Germs: टट्टी की सीट से भी ज्‍यादा गंदी है आपकी पानी की बोतल, हो सकते है भयंकर बीमार!

Duchenne Muscular Dystrophy: शरीर के मांस को गला देती है ये दुर्लभ जानलेवा बीमारी, जानें कैसे?

राजधानी दिल्ली में प्रति हजार आबादी पर मात्र इतने बेड्स, इस साल बनकर तैयार हो जाएंगे 4 और नए अस्पताल

10 Famous Docters in India: भारत के टॉप 10 डॉक्टर्स की लिस्ट/ टॉप 10 सर्जन इन इंडिया

Top 10 Private Hospitals in Delhi: ये रहा राजधानी दिल्ली का टॉप 10 प्राइवेट हॉस्पिटल, जानें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *