दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 78,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस बजट में पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन सहित कई अहम मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है। खासतौर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजधानी दिल्ली में अगले कुछ सालों में 11 नए हॉस्पिटल बन रहे हैं, जिसमें 4 नए अस्पताल इसी साल बन कर तैयार हो जाएंगे।
साथ ही आपको बता दें कि आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में पिछले 9 सालों में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हेल्थ पर प्रति व्यक्ति खर्च में 3 गुना इजाफा हुआ है। वर्ष 2012-13 में जहां प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर खर्च 1573 रूपए हुआ करता था, वहीं साल 2021-22 में यह बढ़कर 5022 रुपये हो गया।
वही आपको बता दें कि केजरीवाल सरकार ने शिक्षा के बाद सबसे ज्यादा बजट स्वास्थ्य विभाग को मुहैया कराया है। साथ ही दिल्ली में कोरोना के बाद प्रति हजार आबादी पर 2.89 बेड्स हैं। अगर साल 2013-14 की बात करें तो उस समय यह 2.47 थे। दिल्ली में इस समय 1163 मेडिकल इंस्टीट्यूट और अस्पताल हैं। साथ ही दिल्ली में अभी कुल बेड्स की संख्या 58,960 है।
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WHO के ये हैं मानक:
डब्यल्यूएचओ के मानक के अनुसार आबादी और बेड्स का अनुपात प्रति हजार पर 5 बेड्स होने चाहिए, जो इस समय आधी से थोड़ा ज्यादा है। साथ ही अभी भी दिल्ली WHO के मानक से काफी दूर है। साथ ही आर्थिक रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली में इस समय 11 नए अस्पताल बन रहे हैं। इसके बनकर तैयार हो जाने के बाद राजधानी दिल्ली में 10 हजार बेड्स और बढ़ जाएंगे। इसके साथ ही केजरीवाल सरकार ने मौजूदा 15 अस्पतालों में भी बेड्स की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है। इससे दिल्ली में 6 हजार बेड्स और बढ़ जाएंगे।
राजधानी दिल्ली में सुधर रहे हैं अस्पतालों में बेड्स की स्थिति:
राजधानी दिल्ली में इन अस्पतालों के बनकर तैयार हो जाने के बाद बिस्तर की संख्या 14,000 से बढ़ाकर 30,000 करने की योजना है। साथ ही साल 2023-24 के लिए राष्ट्रीय राजधानी के बजट में स्वास्थ्य के लिए कुल 9,742 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है। यह पिछले साल 9,769 करोड़ से थोड़ा कम है।
पिछले वर्ष हेल्थ के क्षेत्र में क्या हुए:
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली विधानसभा में आउटकम बजट पेश किया था, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन विभागों के परफॉरमेंस के बारे में जानकारी दी। इस सर्वे रिपोर्ट में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने हेल्थ के क्षेत्र में इस समय 124 प्रोजेक्ट्स पर 54% काम ही ट्रैक पर हैं। साथ ही 46% काम पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है, जो चिंता बढ़ाने वाली है।
हालांकि पिछले कुछ दिनों से केंद्र की मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार के बीच टकराव के बाद यह बजट पेश किया गया। साथ ही इस बजट में राजधानी दिल्ली में कचरे के 3 पहाड़ों को हटाने, सभी कॉलोनियों को सीवेज से जोड़ने और यमुना नदी की साफ-सफाई के लिए सीवेज शोधन संयंत्रों की क्षमता बढ़ाने का फैसला किया गया।
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